Hindi Practice Question and Answer
8 Q: 'Vacancy' का हिंदी समानार्थी शब्द है-
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6348babddb15126715015d89- 1खाली जगहfalse
- 2रिक्तिtrue
- 3नियुक्तिfalse
- 4स्वीकृतिfalse
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Answer : 2. "रिक्ति"
Q: विधेयक, आयोग, विनियोजन शब्दों के लिए अंग्रेजी शब्दों का सही विकल्प चयन कीजिए -
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636a51755c30150185d5dca8- 1Cabinet, Commitment, Biennialfalse
- 2Bill, Commission, Appropriationtrue
- 3Addict, Committee, Attorneyfalse
- 4Cartage, Bid, Dealfalse
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Answer : 2. "Bill, Commission, Appropriation"
Q: "नेताजी ने भारत की स्वतंत्रता में बड़ा योगदान दिया।" वाक्य में रेखांकित पद में संज्ञा है-
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63c000d0b1afa963d16e2204- 1व्यक्तिवाचक संज्ञाtrue
- 2जातिवाचक संज्ञाfalse
- 3भाववाचक संज्ञाfalse
- 4उपर्युक्त में से कोई नहींfalse
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Answer : 1. "व्यक्तिवाचक संज्ञा"
Q: विशेषण की उत्तमावस्था का प्रयोग किस वाक्य में किया गया है?
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6283a68a6a603148478e1619- 1यह बहुत सुंदर चित्र है।false
- 2मेरा घर उसके घर से छोटा है।false
- 3उसे सर्वाधिक अंक प्राप्त हुए।true
- 4मोहन की अपेक्षा सोहन होशियार है।false
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Answer : 3. "उसे सर्वाधिक अंक प्राप्त हुए। "
Q: पुरः + कृत का संधि-रूप होगा-
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6399a280ffa5c734fee386a2- 1पुरस्कृतिfalse
- 2पुरसकारfalse
- 3पुरस्कृतtrue
- 4पुरूसकारfalse
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Answer : 3. "पुरस्कृत"
Q: निम्नलिखित में अशुद्ध शब्द समूह का विकल्प छाँटिए।
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6345658f455735285602491f- 1राजमार्ग, ऋणी, होशियारfalse
- 2श्रीमती, हंसिनी, मूर्तिfalse
- 3षड़यन्त्र, ज्योत्सना, श्रापtrue
- 4जागृति, दिनांक, प्रभुfalse
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Answer : 3. "षड़यन्त्र, ज्योत्सना, श्राप"
Q: निम्नलिखित में गलत कथन है:
717 063ad5fbed57135058114de37
63ad5fbed57135058114de37- 1सामान्य वाक्य के अंत में पूर्ण विराम का प्रयोग किया जाता है।false
- 2मनोविकार सूचित करने में यदि प्रश्नवाचक शब्द आवे तो वाक्य के अंत में प्रश्नसूचक चिह्न लगाया जाता है।true
- 3किसी रचनाकार के उपनाम और रचना के साथ इकहरा अवतरण चिह्न लगाया जाता है ।false
- 4यदि एक ही वाक्य में कई प्रश्नसूचक उपवाक्य हों तो पूरे वाक्य की समाप्ति पर ही प्रश्नसूचक चिह्न लगाया जाता है।false
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Answer : 2. "मनोविकार सूचित करने में यदि प्रश्नवाचक शब्द आवे तो वाक्य के अंत में प्रश्नसूचक चिह्न लगाया जाता है।"
Q:निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए:
हमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता था। अहिंसा की भावना सर्वोपरि थी। आज पूरा जीवन दर्शन ही बदल गया है। सर्वत्र पैसे की हाय हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य ध्येय हो गया है, भले ही धन - उपार्जन के तरीके गलत ही क्यों न हों। इन सबका असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा है। समाज का वातावरण दूषित हो गया है। इन सबके कारण मानसिक और शारीरिक तनाव - खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैं।
आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा है। पाँच रुपये मिलने पर दस दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हजार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल है। इस दौड़ का कोई अंत नहीं । धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गए। व्यक्ति सत्य - असत्य, उचित - अनुचित, न्याय - अन्याय और अपने - पराए के भेद - भाव को भूल गया। उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहीं धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा है। भाई - भाई के खून का प्यासा है। धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही है। इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह - जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैं। इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगे।
'शारीरिक' शब्द में प्रत्यय करने पर शब्द बनेगा-
715 06241d2b5a5fde25dcf48558f
6241d2b5a5fde25dcf48558fहमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता था। अहिंसा की भावना सर्वोपरि थी। आज पूरा जीवन दर्शन ही बदल गया है। सर्वत्र पैसे की हाय हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य ध्येय हो गया है, भले ही धन - उपार्जन के तरीके गलत ही क्यों न हों। इन सबका असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा है। समाज का वातावरण दूषित हो गया है। इन सबके कारण मानसिक और शारीरिक तनाव - खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैं।
आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा है। पाँच रुपये मिलने पर दस दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हजार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल है। इस दौड़ का कोई अंत नहीं । धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गए। व्यक्ति सत्य - असत्य, उचित - अनुचित, न्याय - अन्याय और अपने - पराए के भेद - भाव को भूल गया। उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहीं धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा है। भाई - भाई के खून का प्यासा है। धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही है। इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह - जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैं। इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगे।
- 1शरीर+ ईकfalse
- 2शरीर+ इकtrue
- 3शरिर+ इकfalse
- 4इनमे से नहींfalse
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