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Q:
'जल जलकर बुझ गए' से आशय है-
दिए गए काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
जला अस्थियाँ बारी बारी
छिटकाई जिसने चिनगारी
जो चढ़ गए पुण्य वेदी पर
लिए बिना गरदन का मोल।
कलम, आज उनकी जय बोल !
जो अगणित लघु दीप हमारे
तूफ़ानों में एक किनारे
जल जलकर बुझ गए, किसी दिन
माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल ।
कलम, आज उनकी जय बोल !
Q: 'जल जलकर बुझ गए' से आशय है-
- 1दीयों का जलकर बुझ जानाfalse
- 2कष्ट सहकर वीर गति को प्राप्त होनाtrue
- 3कष्ट सहकर स्वतंत्र हो जानाfalse
- 4तूफ़ान से दीयों का बुझ जानाfalse
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