Practice Question and Answer
8 Q: 'व्याकरण - शिक्षण' प्रणाली में किस प्रणाली को विकृत रूप में 'सुग्गा' प्रणाली भी कहते हैं?
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6231ead9cd09f46e2f0ff823- 1निगमन प्रणालीfalse
- 2अव्याकृति प्रणालीfalse
- 3पाठ्य - पुस्तक प्रणालीtrue
- 4आगमन प्रणालीfalse
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- SingleChoice
Answer : 3. "पाठ्य - पुस्तक प्रणाली "
Q: निम्नलिखित में से असंगत कथन है :
859 06231e96ade069f6e1b8854e2
6231e96ade069f6e1b8854e2- 1सरल वाक्य में एक उद्देश्य व एक ही विधेय होता है।false
- 2मिश्र वाक्य में एक से अधिक मुख्य उपवाक्य तथा अन्य आश्रित उपवाक्य होते हैं।true
- 3संयुक्त वाक्य में दो या दो से अधिक साधारण वाक्य किसी संयोजक से जुड़े रहते हैं।false
- 4मिश्र वाक्य व उपवाक्यों को जोड़ने का काम समुच्चयबोधक करते हैं।false
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- SingleChoice
Answer : 2. "मिश्र वाक्य में एक से अधिक मुख्य उपवाक्य तथा अन्य आश्रित उपवाक्य होते हैं। "
Q: निम्नलिखित में से श्रव्य उपकरण है
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6231e8499980d16e364418f2- 1पोस्टरfalse
- 2चार्टfalse
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- Workspace
- SingleChoice
Answer : 3. "ग्रामोफोन "
Q: बालकों को लिखना सिखाने से पहले यह आवश्यक है
872 06231e7a5de069f6e1b8850d2
6231e7a5de069f6e1b8850d2- 1लेखन संबंधी जिज्ञासा उत्पन्न करनाtrue
- 2उनको क्रियाशील बनानाfalse
- 3अक्षर सिखानाfalse
- 4बारहखड़ी सिखानाfalse
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- SingleChoice
Answer : 1. "लेखन संबंधी जिज्ञासा उत्पन्न करना "
Q:निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
आचार्य द्रोण महर्षि भरद्वाज के पुत्र थे। पांचाल - नरेश का पुत्र द्रुपद भी द्रोण के साथ ही भरद्वाज - आश्रम में शिक्षा पा रहा था। दोनों में गहरी मित्रता थी। कभी - कभी राजकुमार द्रुपद उत्साह में आकर दोण से यहाँ तक कह देता था कि पांचाल देश का राजा बन जाने पर मैं आधा राज्य तुम्हें दे दूँगा। शक्षा समाप्त होने पर द्रोणाचार्य ने कृपाचार्य की बहन से ब्याह कर लिया। उससे उनके एक पुत्र हुआ, जिसका नाम उन्होंने अश्वत्थामा रखा । द्रोण अपनी पत्नी और पुत्र को बड़ा प्रेम करते थे। द्रोण बड़े गरीब थे। वह चाहते थे कि धन गप्त किया जाए और अपनी पत्नी व पुत्र के साथ सुख से रहा जाए । उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं , तो भागे - भागे उनके पास गए , लेकिन उनके नहुँचने तक परशुराम अपनी सारी संपत्ति वितरित कर चुके थे और वन - गमन की तैयारी कर रहे थे । दोण को देखकर वह बोले- " ब्राह्मण श्रेष्ठ ! आपका स्वागत है। पर मेरे पास जो कुछ था , वह मैं बाँट चुका हूँ । अब यह मेरा शरीर और धनुर्विद्या ही है। बताइए, मैं आपके लिए क्या करूँ? "
निम्न में से कौन सा शब्द अशुद्ध है?
703 06231e684cd09f46e2f0fee6d
6231e684cd09f46e2f0fee6dआचार्य द्रोण महर्षि भरद्वाज के पुत्र थे। पांचाल - नरेश का पुत्र द्रुपद भी द्रोण के साथ ही भरद्वाज - आश्रम में शिक्षा पा रहा था। दोनों में गहरी मित्रता थी। कभी - कभी राजकुमार द्रुपद उत्साह में आकर दोण से यहाँ तक कह देता था कि पांचाल देश का राजा बन जाने पर मैं आधा राज्य तुम्हें दे दूँगा। शक्षा समाप्त होने पर द्रोणाचार्य ने कृपाचार्य की बहन से ब्याह कर लिया। उससे उनके एक पुत्र हुआ, जिसका नाम उन्होंने अश्वत्थामा रखा । द्रोण अपनी पत्नी और पुत्र को बड़ा प्रेम करते थे। द्रोण बड़े गरीब थे। वह चाहते थे कि धन गप्त किया जाए और अपनी पत्नी व पुत्र के साथ सुख से रहा जाए । उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं , तो भागे - भागे उनके पास गए , लेकिन उनके नहुँचने तक परशुराम अपनी सारी संपत्ति वितरित कर चुके थे और वन - गमन की तैयारी कर रहे थे । दोण को देखकर वह बोले- " ब्राह्मण श्रेष्ठ ! आपका स्वागत है। पर मेरे पास जो कुछ था , वह मैं बाँट चुका हूँ । अब यह मेरा शरीर और धनुर्विद्या ही है। बताइए, मैं आपके लिए क्या करूँ? "
- 1परशुरामfalse
- 2पांचालfalse
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- 4अश्वथामाtrue
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- SingleChoice
Answer : 4. "अश्वथामा"
Q:निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
आचार्य द्रोण महर्षि भरद्वाज के पुत्र थे। पांचाल - नरेश का पुत्र द्रुपद भी द्रोण के साथ ही भरद्वाज - आश्रम में शिक्षा पा रहा था। दोनों में गहरी मित्रता थी। कभी - कभी राजकुमार द्रुपद उत्साह में आकर दोण से यहाँ तक कह देता था कि पांचाल देश का राजा बन जाने पर मैं आधा राज्य तुम्हें दे दूँगा। शक्षा समाप्त होने पर द्रोणाचार्य ने कृपाचार्य की बहन से ब्याह कर लिया। उससे उनके एक पुत्र हुआ, जिसका नाम उन्होंने अश्वत्थामा रखा । द्रोण अपनी पत्नी और पुत्र को बड़ा प्रेम करते थे। द्रोण बड़े गरीब थे। वह चाहते थे कि धन गप्त किया जाए और अपनी पत्नी व पुत्र के साथ सुख से रहा जाए । उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं , तो भागे - भागे उनके पास गए , लेकिन उनके नहुँचने तक परशुराम अपनी सारी संपत्ति वितरित कर चुके थे और वन - गमन की तैयारी कर रहे थे । दोण को देखकर वह बोले- " ब्राह्मण श्रेष्ठ ! आपका स्वागत है। पर मेरे पास जो कुछ था , वह मैं बाँट चुका हूँ । अब यह मेरा शरीर और धनुर्विद्या ही है। बताइए, मैं आपके लिए क्या करूँ? "
राजकुमार में कौन सा समास है?
828 06231e6309980d16e3644134a
6231e6309980d16e3644134aआचार्य द्रोण महर्षि भरद्वाज के पुत्र थे। पांचाल - नरेश का पुत्र द्रुपद भी द्रोण के साथ ही भरद्वाज - आश्रम में शिक्षा पा रहा था। दोनों में गहरी मित्रता थी। कभी - कभी राजकुमार द्रुपद उत्साह में आकर दोण से यहाँ तक कह देता था कि पांचाल देश का राजा बन जाने पर मैं आधा राज्य तुम्हें दे दूँगा। शक्षा समाप्त होने पर द्रोणाचार्य ने कृपाचार्य की बहन से ब्याह कर लिया। उससे उनके एक पुत्र हुआ, जिसका नाम उन्होंने अश्वत्थामा रखा । द्रोण अपनी पत्नी और पुत्र को बड़ा प्रेम करते थे। द्रोण बड़े गरीब थे। वह चाहते थे कि धन गप्त किया जाए और अपनी पत्नी व पुत्र के साथ सुख से रहा जाए । उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं , तो भागे - भागे उनके पास गए , लेकिन उनके नहुँचने तक परशुराम अपनी सारी संपत्ति वितरित कर चुके थे और वन - गमन की तैयारी कर रहे थे । दोण को देखकर वह बोले- " ब्राह्मण श्रेष्ठ ! आपका स्वागत है। पर मेरे पास जो कुछ था , वह मैं बाँट चुका हूँ । अब यह मेरा शरीर और धनुर्विद्या ही है। बताइए, मैं आपके लिए क्या करूँ? "
- 1तत्पुरुष समासtrue
- 2कर्मधारय समासfalse
- 3अव्ययीभाव समासfalse
- 4द्विगु समासfalse
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Answer : 1. "तत्पुरुष समास"
Q:निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
आचार्य द्रोण महर्षि भरद्वाज के पुत्र थे। पांचाल - नरेश का पुत्र द्रुपद भी द्रोण के साथ ही भरद्वाज - आश्रम में शिक्षा पा रहा था। दोनों में गहरी मित्रता थी। कभी - कभी राजकुमार द्रुपद उत्साह में आकर दोण से यहाँ तक कह देता था कि पांचाल देश का राजा बन जाने पर मैं आधा राज्य तुम्हें दे दूँगा। शक्षा समाप्त होने पर द्रोणाचार्य ने कृपाचार्य की बहन से ब्याह कर लिया। उससे उनके एक पुत्र हुआ, जिसका नाम उन्होंने अश्वत्थामा रखा । द्रोण अपनी पत्नी और पुत्र को बड़ा प्रेम करते थे। द्रोण बड़े गरीब थे। वह चाहते थे कि धन गप्त किया जाए और अपनी पत्नी व पुत्र के साथ सुख से रहा जाए । उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं , तो भागे - भागे उनके पास गए , लेकिन उनके नहुँचने तक परशुराम अपनी सारी संपत्ति वितरित कर चुके थे और वन - गमन की तैयारी कर रहे थे । दोण को देखकर वह बोले- " ब्राह्मण श्रेष्ठ ! आपका स्वागत है। पर मेरे पास जो कुछ था , वह मैं बाँट चुका हूँ । अब यह मेरा शरीर और धनुर्विद्या ही है। बताइए, मैं आपके लिए क्या करूँ? "
गरीब किस भाषा का शब्द है?
761 06231e5bdafe5316e153c36c2
6231e5bdafe5316e153c36c2आचार्य द्रोण महर्षि भरद्वाज के पुत्र थे। पांचाल - नरेश का पुत्र द्रुपद भी द्रोण के साथ ही भरद्वाज - आश्रम में शिक्षा पा रहा था। दोनों में गहरी मित्रता थी। कभी - कभी राजकुमार द्रुपद उत्साह में आकर दोण से यहाँ तक कह देता था कि पांचाल देश का राजा बन जाने पर मैं आधा राज्य तुम्हें दे दूँगा। शक्षा समाप्त होने पर द्रोणाचार्य ने कृपाचार्य की बहन से ब्याह कर लिया। उससे उनके एक पुत्र हुआ, जिसका नाम उन्होंने अश्वत्थामा रखा । द्रोण अपनी पत्नी और पुत्र को बड़ा प्रेम करते थे। द्रोण बड़े गरीब थे। वह चाहते थे कि धन गप्त किया जाए और अपनी पत्नी व पुत्र के साथ सुख से रहा जाए । उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं , तो भागे - भागे उनके पास गए , लेकिन उनके नहुँचने तक परशुराम अपनी सारी संपत्ति वितरित कर चुके थे और वन - गमन की तैयारी कर रहे थे । दोण को देखकर वह बोले- " ब्राह्मण श्रेष्ठ ! आपका स्वागत है। पर मेरे पास जो कुछ था , वह मैं बाँट चुका हूँ । अब यह मेरा शरीर और धनुर्विद्या ही है। बताइए, मैं आपके लिए क्या करूँ? "
- 1उर्दू भाषाfalse
- 2फारसी भाषाfalse
- 3अरबी भाषाtrue
- 4हिन्दी भाषाfalse
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Answer : 3. "अरबी भाषा"
Q:निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
आचार्य द्रोण महर्षि भरद्वाज के पुत्र थे। पांचाल - नरेश का पुत्र द्रुपद भी द्रोण के साथ ही भरद्वाज - आश्रम में शिक्षा पा रहा था। दोनों में गहरी मित्रता थी। कभी - कभी राजकुमार द्रुपद उत्साह में आकर दोण से यहाँ तक कह देता था कि पांचाल देश का राजा बन जाने पर मैं आधा राज्य तुम्हें दे दूँगा। शक्षा समाप्त होने पर द्रोणाचार्य ने कृपाचार्य की बहन से ब्याह कर लिया। उससे उनके एक पुत्र हुआ, जिसका नाम उन्होंने अश्वत्थामा रखा । द्रोण अपनी पत्नी और पुत्र को बड़ा प्रेम करते थे। द्रोण बड़े गरीब थे। वह चाहते थे कि धन गप्त किया जाए और अपनी पत्नी व पुत्र के साथ सुख से रहा जाए । उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं , तो भागे - भागे उनके पास गए , लेकिन उनके नहुँचने तक परशुराम अपनी सारी संपत्ति वितरित कर चुके थे और वन - गमन की तैयारी कर रहे थे । दोण को देखकर वह बोले- " ब्राह्मण श्रेष्ठ ! आपका स्वागत है। पर मेरे पास जो कुछ था , वह मैं बाँट चुका हूँ । अब यह मेरा शरीर और धनुर्विद्या ही है। बताइए, मैं आपके लिए क्या करूँ? "
महर्षि की सन्धि क्या है?
815 06231e561de069f6e1b884a63
6231e561de069f6e1b884a63आचार्य द्रोण महर्षि भरद्वाज के पुत्र थे। पांचाल - नरेश का पुत्र द्रुपद भी द्रोण के साथ ही भरद्वाज - आश्रम में शिक्षा पा रहा था। दोनों में गहरी मित्रता थी। कभी - कभी राजकुमार द्रुपद उत्साह में आकर दोण से यहाँ तक कह देता था कि पांचाल देश का राजा बन जाने पर मैं आधा राज्य तुम्हें दे दूँगा। शक्षा समाप्त होने पर द्रोणाचार्य ने कृपाचार्य की बहन से ब्याह कर लिया। उससे उनके एक पुत्र हुआ, जिसका नाम उन्होंने अश्वत्थामा रखा । द्रोण अपनी पत्नी और पुत्र को बड़ा प्रेम करते थे। द्रोण बड़े गरीब थे। वह चाहते थे कि धन गप्त किया जाए और अपनी पत्नी व पुत्र के साथ सुख से रहा जाए । उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं , तो भागे - भागे उनके पास गए , लेकिन उनके नहुँचने तक परशुराम अपनी सारी संपत्ति वितरित कर चुके थे और वन - गमन की तैयारी कर रहे थे । दोण को देखकर वह बोले- " ब्राह्मण श्रेष्ठ ! आपका स्वागत है। पर मेरे पास जो कुछ था , वह मैं बाँट चुका हूँ । अब यह मेरा शरीर और धनुर्विद्या ही है। बताइए, मैं आपके लिए क्या करूँ? "
- 1महा + ऋषिtrue
- 2मह + ऋषिfalse
- 3महा + षिfalse
- 4इनमे से कोइ नहींfalse
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